Jashn E Adab Sahityotsav Cultural Kaarvan Pune

पुणे में सजेगी साहित्योत्सव जश्न-ए-अदब कल्चरल कारवां विरासत की रंग-ए-महफिल
- दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन 26 और 27 अक्टूबर, 2024 को होगा
- यह उत्सव भारतीय कला, संस्कृति और साहित्य को बढ़ावा देने के लिए समर्पित रहेगा
- भारत भर के प्रसिद्ध कलाकार साहित्योत्सव जश्न-ए-अदब कल्चरल कारवां विरासत की शोभा बढ़ाएंगे
पुणे, अक्टूबर, 2024: जिंदादिल शहर पुणे में भारत के सबसे लोकप्रिय साहित्योत्सव तथा साहित्य और संगीत का महाकुंभ ‘जश्न-ए-अदब कल्चरल कारवां विरासत’ शुरू होने जा रहा है। इस दो दिवसीय महाकुंभ का आयोजन 26 और 27 अक्टूबर, 2024 को नेशनल फिल्म आर्काइव ऑफ इंडिया (एनएफएआई) ऑडिटोरियम, एनएफडीसी, लॉ कॉलेज रोड पर होने जा रहा है। साहित्योत्सव भारतीय संस्कृति, कला और साहित्य का जश्न मनाने के लिए समर्पित यह समारोह एक से बढ़कर एक गतिविधियों से गुलज़ार होगा, जिसमें शास्त्रीय गायन, गज़ल गायन, पैनल चर्चा, नाटक, मुशायरा और कवि सम्मेलन, वाद्ययंत्र, शास्त्रीय नृत्य और लोक गायन आदि शामिल हैं। कार्यक्रम में प्रवेश पूरी तरह से नि:शुल्क है और www.jashneadab.org लिंक पर खुद को रजिस्टर करके इसमें शामिल हुआ जा सकता है।
भव्य जश्न को लेकर अपना उत्साह व्यक्त करते हुए, साहित्योत्सव जश्न-ए-अदब के संस्थापक, कुँवर रंजीत चौहान ने कहा, “साहित्योत्सव ‘जश्न-ए-अदब‘ कल्चरल कारवां विरासत 2024 भारतीय कला, संस्कृति और साहित्य का एक जीवंत उत्सव है। यह मंच भारतीय संस्कृति की विविधता और समृद्धि का तहे-दिल से सम्मान करता है। इसके माध्यम से हमारा उद्देश्य भारतीय कला, साहित्य, संगीत और नृत्य की अनमोल धरोहर को देश के कोने-कोने तक पहुँचाना है। पुणे एक जिंदादिल शहर है, जिसके लोग देश की संस्कृति को जीवंत रखना बखूबी जानते हैं। हम नई पीढ़ी के मन में हमारी सांस्कृतिक धरोहर के प्रति सम्मान उत्पन्न करने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसे में, सभी शहरवासियों से हमारा अनुरोध है कि वे अधिक से अधिक संख्या में साहित्योत्सव में शामिल हों और इस अद्वितीय उत्सव को और भी अधिक खास और यादगार बनाएँ।”
26 अक्टूबर, शनिवारकोपहलेदिनकीशुरुआतहोगी, जिसकाभव्यशुभारंभप्रसिद्धबांसुरीवादकऔरसंगीतनिर्देशक, पद्मविभूषणपं. हरिप्रसादचौरसिया, औरप्रसिद्धभारतीयशास्त्रीयगायकपद्मभूषणपं. साजनमिश्राकीउपस्थितिमेंकियाजाएगा। इनकेअलावाभीकईजाने-मानेकलाकारऔरसाहित्यकारइसमहोत्सवमेंशिरकतकरेंगे। इसकेबादमराठीकविसम्मेलनमेंमराठीभाषाकेकविअपनीरचनाओंसेश्रोताओंकोभाषाकीमिठासऔरगहराईकाअनुभवकराएँगे। इसकेबाद ‘अज्ञातसेज्ञातकीओर…’ सत्रमेंप्रसिद्धअभिनेता, चित्रकार, लेखकऔरनिर्देशकपंकजझाअपनीकविताओंकेमाध्यमसेजीवनकेविभिन्नपहलुओंकोछूतेहुएश्रोताओंकोमंत्रमुग्धकरेंगे। ‘रंगकर्मकीघूमतीदुनिया’ सत्रमेंपंकजझाऔरजाने-मानेअभिनेतासुमीतव्यास, कुंवररंजीतचौहानकेसाथसंवादकरेंगेऔररंगमंचकीदुनियाकेविभिन्नपहलुओंपरचर्चाकरेंगे। ‘मरहूमकीयादमें’ तारिक़ीहामिदद्वाराहास्यनाट्यकीप्रस्तुतिदीजाएगी, जोदर्शकोंकोहँसीकेठहाकेलगानेपरमजबूरकरदेंगे। इसकेबाद ‘सुर-साधना’ मेंपद्मभूषणपं. साजनमिश्राकीसुरमयीप्रस्तुतिश्रोताओंकोशास्त्रीयसंगीतकीअद्भुतयात्रापरलेजाएगी। कार्यक्रमकासमापनपद्मविभूषणपं. हरिप्रसादचौरसियाकीबांसुरीकीमधुरधुनोंसेहोगा, जोश्रोताओंकोमंत्रमुग्धकरदेंगी।
27 अक्टूबर, रविवारकोकार्यक्रमकादूसरादिनरहेगा। पहलीप्रस्तुति ‘मुशायरा- नौबहार’ होगी, जिसमेंदखतरावलमिज़ाज, जाव्वादसैयदफैसलखान, अदनानशेख, शोएबफिरोज़ीऔरपूनमखत्रीअपनीशायरीसेसमाबाँधेंगे। इसकेबाद ‘अपनीकहानीकेअपनेकिरदार’ सत्रमेंप्रसिद्धअभिनेताऔरलेखकमनुऋषिचड्ढाअपनीकहानियोंकावाचनकरेंगे, जिससेसभीश्रोताखुदकोजुड़ाहुआपाएँगे। ‘कथा-कथक’ मेंकथकविशेषज्ञऋचाजैनकथकनृत्यकीप्रस्तुतिदेंगी, जिसमेंकहानीऔरनृत्यकाअद्भुतसंगमदेखनेकोमिलेगा। ‘ओटीटी- सिनेमाऔरथिएटर- बदलतामाहौल’ सत्रमेंमनुऋषिचड्ढा, मशहूरअभिनेताचंदनरॉयसान्याल, कुंवररंजीतचौहानकेसाथओटीटी, सिनेमाऔररंगमंचकेबदलतेमाहौलपरचर्चाकरेंगे। ‘सुखनबहार- मुशायरा’ मेंफरहतएहसास, शमीमअब्बास, मदनमोहनदानीश, कर्नलगौतमराजऋषि, कुंवररंजीतचौहान, जावेदमुशिरी, शाकिरदेहलवीऔरअनसफैजीअपनीशायरीसेशामकोरौशनकरेंगे।समापनसमारोहकेबादराजासरफराज़दरबारीएंडग्रुप ‘महफिल-ए-कव्वाली’ परमहफिलसजाएगा।
गौरतलब है कि इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य भारतीय संस्कृति और साहित्य को प्रोत्साहित करना और युवा पीढ़ी को इसके महत्व से अवगत कराना है। इस दो दिवसीय उत्सव में आयोजित होने वाली विभिन्न सांस्कृतिक और साहित्यिक गतिविधियाँ पुणे के निवासियों और आगंतुकों को अद्वितीय अनुभव प्रदान करेंगी। देश भर के सभी साहित्य और संस्कृति प्रेमी इस उत्सव में शामिल होकर इस अद्वितीय यात्रा का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा बन सकते हैं।
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